दिवाली का निबंध (Essay of Diwali In Hindi)
नमस्कार दोस्तों! आज की इस पोस्ट में दिवाली का निबंध (Essay On Diwali) पढ़ेंगे और हिन्दुओं के सबसे लोकप्रिय त्योहार के बारे जानेंगे।
दिवाली जिसे दीपावली भी कहते है, ये हिंदुयों का एक बहुत बड़ा त्योहार होता है जिसे भारत सहित पूरी दुनिया में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है |
इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले है कि आप दिवाली पर निबंध कैसे लिख सकते है , इस आर्टिकल में आपको दिवाली पर निबंध के चार फॉर्मेट देखें को मिलंगे जो कि इस प्रकार है –
10 Lines Essay on Diwali in Hindi | 10 Lines |
Essay of Diwali in Hindi – 300 Words | 300 Words |
Hindi Essay on Diwali 500 Words | 500 Words |
Diwali ka Essay Hindi me 700 words | 700 words |
तो आइये सबसे पहले जानते है छोटे बच्चे दिवाली पर निबंध कैसे लिखें – (Diwali Essay in Hindi for Child)
10 Lines about diwali in hindi
1.दिवाली हिंदुओं का बड़ा ही लोकप्रिय त्योहार हैं, जिसे बड़े धूम धाम और उत्साह से मनाया जाता है।
2. दिवाली या दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है
दीप+आवली यानी दीपों की पंक्ति। इसे रोशनी या प्रकाश का त्योहार भी कहते हैं।
3. दिवाली का त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है।
4. इस दिन श्री राम चंद्र जी 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापिस लौटे थे।
5. दिवाली के त्योहार पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
6. इस दिन लोग गणेश लक्ष्मी जी की भी पूजा करते है।
7. इस दिन घरों में तरह के पकवान बनते हैं और लोग एक दूसरे को मिठाइयां बाटकर एक दूसरे से गले मिलते हैं।
8. दिवाली के त्योहार पर आसमान में आतिशबाजी देखने को मिलती है, बच्चें तरह तरह के नए नए पटाखे फोड़ते हैं।
9. दिवाली के त्योहार पर लोग बाग घरों में रंग रोगन करवाते हैं।
10. दिवाली के त्योहार को अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रुप में मनाया जाता है।
Essay On Diwali In Hindi – 300 Words
दिवाली हिन्दुओं का एक बड़ा त्योहार हैं। ये बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। ये केवल अपने देश भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है।
दिवाली को रोशनी का त्यौहार भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन हर गली नुक्कड़ में रोशनी ही रोशनी होती हैं। सारी बिल्डिंग, घर, दफ्तर इत्यादि लाइटों से सजे हुए बड़े ही आकर्षक और सुन्दर लगते हैं।
इस दिन यानी कार्तिक मास की अमावस्या को श्री राम चंद्र जी 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे और इसलिए अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत करा था।
अमावस्या की काली रात को दीपक के जगमग प्रकाश से दिन में बदल दिया था इसीलिए दिवाली को दीपावली भी कहते हैं यानि दीपों की पंक्ति।
दिवाली के दिन लोग बाग अपने घरों को अच्छे से सजाते हैं और गणेश लक्ष्मी जी की पूजा भी करते हैं।
दिवाली के दिन बजारों में अच्छी खासी भीड़ देखने को मिलती हैं। बजारों का दृश्य भी मनभावन लगता है।
लोग चाहें अपने ऑफिस में हो या घर में हो सभी जगह इस दिन सफाई का विशेष महत्व रहता है ताकि लोगों के घर में लक्ष्मी आए और उनके जीवन रूपी अंधेरे को दूर करें।
दिवाली के दिन घरों में लोग लाइटों की लड़ियां लगाकर सजाते हैं और मोमबत्तियां, दीपक जलाते हैं।
दिवाली का त्योहार पूरे भारत वर्ष में बड़े ही धूमधाम से और उत्साह से मनाया जाता है। ये त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है।
दिवाली का त्योहार हमें जीवन में बुराई को दूर करने और अच्छाई को अपनाने का संदेश देता है। बुराई चाहे कितनी ही बड़ी क्यों न हों लेकिन अच्छाई उसे एक न एक दिन हरा ही देती है।
Essay Of Diwali In Hindi 500 Words
दिपावली का त्योहार भारत में ही नहीं बल्कि अन्य कई देशों में भी बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है।
दीपावली को दीपों का त्योहार भी कहते हैं। दिवाली का त्योहार भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। जिसे भारत में बहुत ही हर्षोलास के साथ मनाया जाता है।
इस दिन भगवान श्री रामचंद्र जी ने रावण को पराजित कर 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या वापिस लौटे थे।
जिससे पूरी अयोध्या स्वर्ग के समान जगमगाने लगी थी।
श्री राम जी के आने की खुशी वहां के सभी लोगों ने घी के दिये जलाए थे। अयोध्या नगरी में घी के दीपक जलने से अमावस्या की काली रात भी दिन की तरह जगमगाने लगी थी।
पूरी अयोध्या में मानो खुशी का एक अलग ही मेला लगा हुआ था। अयोध्या ऐसे जगमगा रही थी जैसे मानो कोई नई नवेली दुल्हन दिखती है।
उसी दिन की याद में हर साल पूरे भारत वर्ष में दिवाली का त्योहार मनाया जाता आ रहा है।
दीपावली का ये त्योहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर माह में होता है, दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।
ये त्यौहार बच्चा बूढ़ा हर कोई बहुत ही धूम धाम से मनाता है। यहां तक कि स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में भी दीवाली के त्यौहार को बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है।
दीवाली के कुछ हफ्ते पहले से ही लोग अपने घर की साफ-सफाई करना भी शुरू कर देते हैं।
फिर दिवाली के दिन नए कपड़े पहनते है, मिठाई खाते हैं, दीप जलाते है, पटाखे जलाते हैं।
लक्ष्मी–गणेश भगवान की पूजा करते हैं और एक दूसरे को दिवाली की मिठाई बांटते है और एक दूसरे के गले मिलकर शुभकामनाएं देते है।
दिवाली के एक महीने पहले से ही लोग अपने घरों दुकानों तथा ऑफिस आदि को सजाते संवारते हैं। इस दिन बजारों का माहौल भी देखते ही बनता है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी सबसे स्वच्छ स्थल में वास करती है। रात में लोग माँ के स्वागत के लिए घरों के द्वार भी खुले छोड़ देते हैं।
ऐसा भी कहा जाता है कि दिवाली के दिन साफ सफाई रखने से लक्ष्मी का वास होता है इसीलिए दीपावली के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा होती है और माँ लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से घर मे सुख शांति और वैभव की प्राप्त होती है
इसलिए दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी और गणेश जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए हम हर साल दिवाली का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी माँ की पूजा आराधना की जाती हैं।
दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। बुराई चाहे कितनी ही बड़ी क्यों न हो लेकिन हर दम सच्चाई उसे पराजित कर ही देती हैं।
इस संदेश को ये हर साल हमारे भीतर पैदा करता रहता है और ये त्योहार हमारे भीतर एक नई ऊर्जा को भरने का पर्यास करता है।
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Essay on Diwali in 700 Words
दिवाली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। दिवाली पूरे भारत वर्ष में बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन श्री राम चंद्र जी ने 14 वर्ष का वनवास पूरा करा था और अयोध्या वापिस लौटे थे।
श्री राम चंद्र जी के अयोध्या आने की खुशी में सभी आयोध्यवासियों ने घी के दीपक जलाकर उनका भव्य स्वागत किया था।
अयोध्यावासियो के दीपक जलाने से कार्तिक मास की अमावस्या की काली रात भी दिन की तरह जगमगाने लगी थी।
दिवाली का ये त्योहार सभी लोगों के जीवन में एक नई ऊर्जा लाता है। दिवाली के दिन बच्चे से लेकर बूढ़े आदमी हरेक के चेहरे पर एक मुस्कान होती है।
हरेक घर लाइटों से सजा होता हैं। सारी गलियां रंग बिरंगे रंगों से जगमगा रही होती है।
मिठाईयों की दुकानों पर तरह तरह की नई नई मिठाइयां बन रही होती हैं और बजारों में एक से एक नए कपड़े, सजावट का समान आदि धड़ल्ले से बिक रहा होता है। बाजारों में भी सजावट का दृश्य बेहद ही सुन्दर लगता है।
दीवाली के त्योहार का हमारे जीवन में एक विशेष महत्व है। ये त्योहार हमें बुराई पर अच्छाई का संदेश देता है।
दिवाली के त्योहार से आठ दस दिन पहले ही लोग बाग इसकी तैयारी में लग जाते हैं और घरों में रंग रोगन और सजावट के कार्य तेजी से शुरू हो जाते हैं। इस दिन घरों में नए नए पकवान बनते हैं और लोग नए नए कपड़े पहनते हैं।
दिवाली का त्योहार 5 दिन का होता है। इसकी शुरूआत धनतेरस से होती है, धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है।
धनतेरस से अगले दिन छोटी दिवाली मनाई जाती है। इसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है और फिर उसके बाद अगले दिन बड़ी दिवाली मनाई जाती है और उस दिन गणेश लक्ष्मी जी की पूजा होती है।
बड़ी दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती हैं। इस तरह ये दिवाली का त्योहार 5 दिन मनाया जाता है।
इस दिन लोग अपने घरों में पूजा के बाद दिए और मोमबत्तियां लगाते हैं और बच्चें फुलझडियां, पटाखे जलाकर आतिशबाजी करते हैं।
दिवाली का त्योहार हर गली, गांव, नुक्कड, शहर में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। दिवाली के त्योहार का सभी को बड़े ही बेसब्री से इंतजार होता है।
दिवाली के दिन बजारों, घरों, गलियों में रौनक देखते ही बनती है। बाजरों में इस दिन बहुत चहल पहल होती है। लोग अपने घरों को सजाने के लिए बाजार से तरह तरह के समान खरीदते हैं। कई लोग दिवाली का त्योहार मनाने अपने गांव भी जाते हैं।
दिवाली के त्योहार को अब केवल हमारे देश भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के विभिन्न देशों में भी ये बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है।
दिवाली का त्योहार खुशियों का त्योहार हैं। ये त्योहार अपने साथ ढेरों खुशियां लेकर आता है। हम सारी चिंताएं भूलकर इस त्योहार को मनाने में जुट जाते हैं। ये त्यौहार हमारे जीवन में खुशियों के नए रंग भरने का काम करता है।
आज के दौर में जैसे इन्सान आधुनिकता होता जा रहा है तो उसके कारण वो अपनी संस्कृति धर्म रीति रिवाजों को भूलता भी जा रहा है।
दिवाली, होली, रक्षाबंधन जैसे त्यौहार हमें हमारी हिन्दू संस्कृति को अभी तक जीवित रखे हुए हैं।
दिवाली के दिन कुछ बुरे लोग लोग जुआं खेलते हैं और शराब पीकर दिवाली के पावन त्योहार को गंदा करते हैं। ऐसे लोगों से हमारे समाज में बुराईयों को बढ़ावा मिलता है।
इसलिए हमें ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस से शिकायत जरुर करनी चाहिए ताकि हम एक अच्छे और सुंदर वातावरण में दिवाली के पावन त्यौहार को मना सकें।
निष्कर्ष – Essay of Diwali In Hindi
दोस्तों, उम्मीद करते हैं आपको ये दिवाली पर निबंध (Essay of Diwali In Hindi) आर्टिकल अच्छा लगा होगा और आपने इस आर्टिकल के माध्यम से अपनी नॉलेज को बढ़ाया होगा।
दोस्तों! इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ भी शेयर करें ताकि वो भी अपनी नॉलेज बढ़ा सकें।
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