हैलो फ्रेंड्स! आज का टॉपिक है JE (Junior Engineer) kaise bane. – इस आर्टिकल में आपको JE यानी की जूनियर इंजीनियर से जुडी पूरी जानकारी मिलेगी |
इसमें हम आपको बताएंगे
- JE kya hota hai,
- JE banne ke liye eligibility,
- age limit,
- exam pattern,
- selection process,
- JE ki salary,
- JE ka promotion kaise hota hai और
- JE ka kya kaam hota hai.
दोस्तों इंजीनियरिंग एक बहुत जाना पहचाना सेक्टर है। हर साल लाखों बच्चे अलग-अलग स्पेशलाइजेशन करके इंजीनियर बनते हैं और एक सफल भविष्य की तरफ कदम बढ़ाते हैं।
लेकिन जहां तक JE यानि जूनियर इंजीनियर की बात है तो ये नॉर्मल इंजीनियरिंग यानि BE या BTech से अलग होता है।
हम आए दिन सुनते रहते हैं कि जेई यानि जूनियर इंजीनियर की भर्ती निकली है पर जेई क्या होता है या JE (Junior Engineer) kaise bane इसके बारे में ज्यादा डीटेल में सभी लोगो को पता नहीं होती।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके हर कन्फ्यूजन को दूर कर देंगे। इसके लिए आपको ये आर्टिकल पूरा पढ़ना होगा।
JE kya hota hai ?
दोस्तों सबसे पहले ये समझ लीजिए कि JE क्या होता है ?
JE एक सरकारी पद है जो ग्रुप सी में आता है। लगभग हर सरकारी विभाग में JE की पोस्ट होती है।
जैसे रेलवे, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग।
इसके अलावा PSU जैसे GAIL, BHEL, INDIAN OIL में भी इनकी जरूरत होती है। इतना ही नहीं प्राइवेट कंपनियां जैसे रिलायंस, टाटा मोटर्स भी जेई की नियुक्ति करती हैं।
इन सब सलेक्शन प्रोसेस की जानकारी आपको आगे मिल जाएगी।
अगर जेई के काम की बात करें तो संक्षेप में हम इतना कह सकते हैं कि JE अपने विभाग से जुड़े तकनीकी काम और उनकी परियोजनाओं को देखता है।
JE ke kaam kya hote hai इसकी detail में जानकारी नीचे के सेक्शन में दी गई है।
JE banne ke liye yogyta
जूनियर इंजीनियर बनने के लिए कम से कम दसवीं पास होना चाहिए।
इसके बाद आपको पॉलीटेक्निक जूनियर इंजीनियरिंग का कोर्स करना होता है। ये 3 साल का कोर्स होता है।
इसमें ऑटोमोबाइल, मेकेनिकल, कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल, टेक्सटाइल, माइनिंग जैसी बहुत सी ब्रांचेस होती हैं। यानि हर वो ब्रांच जिसमें इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन की जाती है।
आप इनमें से कोई भी एक ब्रांच लेकर पढ़ सकते हैं। आप चाहें तो बारहवीं के बाद भी ये कोर्स कर सकते हैं। ऐसे में आपको 2 साल का कोर्स करना होता है।
दोस्तों बीई या बीटेक में अंग्रेजी माध्यम होने की वजह से कूछ स्टूडेंट्स को दिक्कत आती है पर पॉलीटेक्निक डिप्लोमा में सबसे अच्छी बात ये होती है कि इसे आप हिन्दी, अंग्रेजी या फिर दोनों भाषाओं में मिक्स भी कर सकते हैं।
दूसरा फायदा ये है कि आपका समय बचता है और पैसे भी। दसवीं के बाद तीन साल का डिप्लोमा करके आप जॉब के लिए तैयार हो जाते हैं।
जबकि बीई या बीटेक के लिए बारहवीं केबाद और चार साल देने होते हैं।
हालांकि इतने वर्षों और पढ़ाई का आपको फल भी मिलता है जिसमें एक बेहतर वेकेंसी और ज्यादा सैलरी शामिल है।
लेकिन ऐसे बच्चे जो किसी कारणवश ग्रेजुएशन नहीं कर सकते या उनको करियर शुरु करने की जल्दी होती है उनके लिए पॉलीटेक्निक डिप्लोमा किसी वरदान से कम नहीं है।
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JE Age limit
JE बनने के लिए एज लिमिट 18-32 वर्ष है। इसमें सरकारी नियमों के अनुसार छूट भी दी जाती है।
JE Exam Pattern
JE banne ke liye आपको Entrance Exam देना होता है।
जैसा आपने पढ़ा कि हर डिपार्टमेंट में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट होती है। इसीलिए हम किसी एक एग्जाम का नाम नहीं ले सकते।
इसके लिए एक तो SSC JE exam होता है। इसके अलावा डिपार्टमेंट भी अपनी तरफ से एन्ट्रेंस एग्जाम ले सकते हैं।
अगर SSC JE exam की बात करें तो JE exam pattern के दो चरण होते हैं।
पेपर 1 ऑब्जेक्टिव टाइप होता है। इसमें कुल 200 प्रश्न आते हैं। हर प्रश्न के लिए 1 नंबर निर्धारित होता है।
अगर आप पेपर 1 क्वालीफाई करते हैं तभी पेपर 2 दे सकते हैं। इसके लिए आपको अपने सब्जेक्ट के अलावा जनरल अवेयरनेस, रीजनिंग जैसे विषयों की तैयारी भी करनी होती है।
पेपर 2 सब्जेक्टिव टाइप होता है। ये 300 नंबर का होता है। इसमें आपकी इंजीनियरिंग स्ट्रीम से जुड़े प्रश्न होते हैं।
इन दोनों पेपरों के लिए 2-2 घंटे का समय मिलता है। आपके पास हिंदी या अंग्रेजी किसी एक भाषा में पेपर देने का विकल्प रहता है।
नोट: आपको अपने पेपर में कोई एक भाषा इस्तेमाल करनी होती है। यदि दोनों भाषाओं का प्रयोग किया तो आप डिस्क्वालिफाई हो जाते हैं।
JE Selection process
दोस्तों जहां तक प्राइवेट कंपनियों की बात है तो उनके अपने सलेक्शन प्रोसेस होते हैं। इसमें ज्यादातर आपको एकेडमिक्स और इंटरव्यू के बेस पर जॉइनिंग मिल जाती है। जरूरी होने पर टेक्निकल स्किल के एग्जाम भी लिए जाते हैं।
सरकारी विभाग या पीएसयू के सलेक्शन प्रोसेस थोड़े अलग होते हैं। जो अब हम आपको बता रहे हैं।
समय-समय पर विभागों की तरफ से जेई की वेकेंसी निकलती है।
इसमें सबसे पहले आपको फार्म भरकर जरूरी डॉक्युमेंट्स जैसे मार्कशीट, पहचान-पत्र, फोटो के साथ जमा करना पड़ता है।
जिन उम्मीदवारों के फार्म सही तरीके से जमा हो जाते हैं उनको एग्जाम के लिए सेंटर और एडमिशन कार्ड जारी कर दिए जाते हैं।
पहले लिखित परीक्षा में बैठना होता है। इसे क्लीयर करने पर इंटरव्यू होता है। और सलेक्ट होने वाले उम्मीदवारों के डॉक्युमेंट्स का वेरिफिकेशन होता है।
इसके बाद एक मेरिट लिस्ट तैयार करके चुने हुए उम्मीदवारों की घोषणा की जाती है।
दोस्तों exam pattern और selection process के लिए हमने आपको एक बेसिक जानकारी दी है। इसमें स्टेट या डिपार्टमेंट के आधार पर बदलाव हो सकता है।
इसलिए हम यह सलाह देंगे कि आप जब भी JE की वेकेंसी का विज्ञापन देखें तो उसे अच्छी तरह पढ़कर समझ लें। और ये तय करने के बाद ही आवेदन करें की आप उनके क्राइटेरिया को पूरा करते हैं।
JE ki Salary kitni hoti hai ?
अगर आप केंद्र सरकार के अंडर काम करते हैं तो आपकी सैलरी एक लाख रुपए महीना के आसपास बनती है।
राज्य स्तर पर जूनियर इंजीनियर की सैलरी कम से कम 40-50,000 रुपए महीना के बीच होती है।
दोनों में टीए, डीए, हाउस रेंट, मेडिकल, स्पेशल अलाउंस जैसे आकर्षक फायदे भी शामिल हैं। इन सबकी वजह से जेई एक अच्छा करियर ऑप्शन बन जाता है।
प्राइवेट सेक्टर में भी आपको अपनी योग्यता के अनुसार अच्छी सैलरी मिल जाती है।
JE ka promotion kaise hota hai
दोस्तों 10-12 साल तक काम करने के बाद एक JE को Senior Section Engineer की पोस्ट मिलती है।
इसके कुछ समय बाद इनका प्रमोशन एक्जीक्यूटिव इंजीनियर की पोस्ट पर हो जाता है।
यदि आप डिपार्टमेंट लेवल पर होने वाले एग्जाम क्लीयर कर लें तो 4-5 साल में ही पहला प्रमोशन हो सकता है।
JE ke kaam kya hota hai ?
जेई नाम में जूनियर शब्द लगा होने का ये मतलब नहीं है कि ये कोई कम महत्वपूर्ण काम है।
जेई का पद बहुत जिम्मेदारी का होता है। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि जेई अपने डिपार्टमेंट में टेक्निकल सेक्शन का आधार होता है।
यानि अगर आप पीडब्ल्यूडी में जूनियर इंजीनियर हैं तो आपको पानी की पाइप लाइन बिछाने, भवनों के रखरखाव की परियोजना से जुड़े काम मिलते हैं।
रेलवे के जूनियर इंजीनियर रेल लाइन की देखरेख, गाड़ियों के परिचालन की देखरेख जैसे काम करते हैं।
आपका काम डिप्लोमा की स्ट्रीम और विभाग की जरूरतों पर भी निर्भर करता है।
यानि सिविल ब्रांच से डिप्लोमा किए उम्मीदवार को भवनों की जिम्मेदारी, कम्प्यूटर ब्रांच वाले को अपने क्षेत्र से जुड़ी जिम्मेदारी और ऑटोमोबाइल वाले को वाहनों से संबंधित कार्य सौंपे जाते हैं।
मुख्य रूप से एक जेई का काम किसी योजना की प्लानिंग, संचालन और सुपरवाइज करना होता है। ये इन परियोजनाओं के लागत और खर्चे पर भी ध्यान रखते हैं।
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JE (Junior Engineer) kaise bane?
- JE ka full form है Junior Engineer.
- इसके लिए मिनिमम क्वालीफिकेशन होती है पॉलिटेक्निक से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करना।
- आप ये डिप्लोमा दसवीं के बाद कर सकते हैं जिसके लिए 3 साल लगते हैं।
- आप ऑटोमोबाइल, सिविल, मेकेनिकल, कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न विषयों में से किसी भी एक में डिप्लोमा कर सकते हैं।
- जेई बनने के लिए एज लिमिट 18-32 वर्ष होती है।
- सरकारी नियमों के अनुसार आरक्षित वर्ग को उम्र में छूट दी जाती है।
- जेई की पोस्ट पाने के लिए आप कई तरह के एग्जाम दे सकते हैं। जैसे कि SSC JE और अलग- अलग डिपार्टमेंट की तरफ से कंडक्ट किए जाने वाले एग्जाम।
- जेई अपनी फील्ड से जुड़े तकनीकी काम देखते हैं।
- इनका मुख्य काम परियोजनाओं की प्लानिंग, उनको सही ढंग से लागू करवाना और सुपरवाइज करना होता है।
- लगभग हर सरकारी विभाग में जेई की पोस्ट होती है।
Conclusion – JE (Junior Engineer) kaise bane ?
दोस्तों ये थी जानकारी JE (Junior Engineer) kaise bane, इसे पढ़कर आपने जाना JE kya hota hai, JE banne ke liye JE eligibility, JE age limit, JE exam pattern, JE selection process, JE salary, JE ka promotion kaise hota hai और JE ka kya kaam hota hai.
हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल से आपको वो सारी जानकारी मिल गई होगी जिसकी आपको जरूरत थी।
फिर भी अगर कोई सवाल आपके मन में है तो हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताइए।
आप किसी खास विषय पर जानकारी चाहते हैं तो भी जरूर बताइए ताकि हम उसी टॉपिक पर अगला आर्टिकल लिखकर आपकी मुश्किल आसान कर दें।
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Article by – NIDHI NEER
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1 thought on “JE (Junior Engineer) kaise bane | JE सैलरी, चयन प्रक्रिया, योग्यता, उम्र-सीमा”