दोस्तों आज का आर्टिकल है VDO kaise bane, full information in Hindi.
इसमें आपको VDO बनने की पूरी जानकारी जैसे कि VDO का full form kya hota hai, VDO बनने के लिए योग्यता, VDO कैसे बनते हैं, VDO का selection process जैसी बातें बताई जाएंगी।
आपने सुना ही होगा कि भारत गांवों में बसता है।
आंकड़े कहते हैं कि भारत में साढ़े पांच लाख से ज्यादा गांव हैं।
भारत की कुल जनसंख्या का 70% से भी ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी हैं।
भारत सरकार गांवों के विकास के लिए भी बहुत से कार्यक्रम और योजनाएं चलाती है
VDO इसी की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
VDO kya hota hai, kya kaam karta hai और VDO और सरपंच में क्या-क्या अंतर होते हैं यह सब जानने के लिए आप VDO kaise bane इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए।
VDO full form
VDO का full form होता है Village Development Officer. यानि विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर।
हिन्दी में VDO को ग्राम विकास अधिकारी कहते हैं।
VDO kya hota hai
VDO ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक सरकारी पद है।
जैसा कि नाम से ही क्लीयर है VDO गांवों में विकास कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है।
गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन को आसान और बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार कोशिश करती है।
इसकी वजह से बहुत से गांवों में सड़कें, स्कूल, अस्पताल, बनाए जाते हैं।
खेती-किसानी से जुड़ी नई तकनीकें पंहुचाई जाती हैं। ये सारे कार्य VDO के माध्यम से ही किए जाते हैं।
VDO ka kya kaam hota hai
VDO के काम इस तरह के होते हैं-
- सरपंच के साथ मिलकर विकास कार्यों की रूपरेखा बनाना
- विकास कार्यों की समीक्षा और निगरानी करना
- सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को ग्रामीण जनता तक पंहुचाना
- ग्राम सभा और ग्राम पंचायत के कार्यों को सुपरवाइज करना
- गांव में स्वच्छता, पेयजल, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करवाना
- खाद, बीज और सिंचाई जैसी कृषि जरूरतों की व्यवस्था करवाना
- जन्म, मृत्यु, विवाह और अन्य रिकार्ड का रख-रखाव
सरपंच और VDO में अंतर
दोस्तों अभी आपने पढ़ा VDO का क्या काम होता है।
आप सोच रहे होंगे कि ये सब काम तो सरपंच, ग्राम सभा या ग्राम पंचायत के सदस्यों द्वारा किए ही जाते हैं। तो VDO इनसे किस तरह अलग है? या VDO की जरूरत क्यों होती है?
दोस्तों सरपंच जनता द्वारा चुने हुए जन प्रतिनिधि होते हैं।
इनका कार्यकाल 5 वर्षों का होता है।
एक सरपंच या ग्राम पंचायत एक गांव को देखती है।
VDO एक सरकारी पद है।
एक व्यक्ति प्रमोशन या रिटायर होने तक इस पद पर काम कर सकता है।
एक VDO के अंडर में 4-5 गांव भी हो सकते हैं।
आप VDO को सरपंच का सुपरवाइजर कह सकते हैं।
VDO के approval के बाद ही विकास कार्यों को प्रशासनिक मंजूरी के लिए भेजा जाता है।
यानि VDO गांव और प्रशासन के बीच का लिंक है।
जिस तरह शहर की जिम्मेदारी एक डीएम की होती है उसी तरह गांव की जिम्मेदारी VDO संभालता है।
VDO बनने के लिए योग्यता
- उम्मीदवार को बारहवीं पास होना चाहिए।
- बारहवीं में न्यूनतम मार्क्स की लिमिट नहीं है।
- आयु सीमा 18-40 वर्ष होती है।
- कुछ राज्यों में VDO बनने के लिए उम्मीदवारों के पास कंप्यूटर में डिप्लोमा भी होना जरूरी है।
दोस्तों ये तो थी VDO बनने के लिए योग्यता।
इसके अलावा यह भी ध्यान रखिए कि आपको ज्यादातर समय गांवों में रहकर काम करना होता है।
इस वजह से आपको ग्रामीण जीवन और उसकी चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए।
अगर आप शहरी और आरामदायक जीवनशैली के आदी हैं तो हो सकता है कि गांव के माहौल में आपका मन न लगे।
गांवों में यातायात के साधन भी सीमित होते हैं।
बारिश के वक्त कुछ दूर-दराज के गांवों में तो सड़कें भी आवागमन के लिए बंद हो जाती हैं।
कभी-कभार किसी आपदा में VDO को रातों को भी काम करना पड़ सकता है।
इसलिए सिर्फ सरकारी नौकरी के आकर्षण में ही VDO बनने के लिए आवेदन मत कर दीजिए।
अच्छी तरह सोच समझकर ही कोई फैसला लीजिए।
VDO बनने का Selection process
VDO बनने के लिए एक उम्मीदवार को तीन चरणों से गुजरना पड़ता है। ये चरण हैं लिखित परीक्षा (writtern exam), साक्षात्कार (interview) और फिजिकल फिटनेस टेस्ट।
लिखित परीक्षा 80 नंबर की होती है। इसे इस तरह से बांटा गया है
- हिन्दी लेखन परीक्षा – 30 प्रश्न
- रीजनिंग – 20 प्रश्न
- सामान्य ज्ञान या जनरल अवेयरनेस – 30 प्रश्न
हर प्रश्न के लिए 1-1 अंक निर्धारित किया गया है। इस परीक्षा के लिए 90 मिनट का समय दिया जाता है।
लिखित परीक्षा पास करने के बाद इंटरव्यू लिया जाता है।
जो उम्मीदवार यह चरण भी पार कर लेते हैं उनको फिजिकल फिटनेस टेस्ट देना होता है।
इस टेस्ट में 1 मील की दौड़, लंबी कूद, चार मील तक की साइकिल दौड़ और 2 मील टहलना होता है।
VDO ki training
जो उम्मीदवार ऊपर बताए तीनों चरण क्लीयर कर लेते हैं उनको लगभग 6 महीने तक ट्रेनिंग दी जाती है।
इसके बाद उनके अंडर में 2-3 गांव दिए जाते हैं। कुछ समय बाद गांवों की संख्या बढ़ा दी जाती है।
VDO की सैलरी कितनी होती है?
दोस्तों इस जॉब के नाम में भले ही अधिकारी शब्द लगा है पर असर में ये एक क्लेरिकल जॉब ही है।
इसलिए एक VDO का वेतन 5,200-20200 ग्रेड पे 2,000 के अनुसार होता है।
इस तरह एक VDO को लगभग 22,500 रुपए महीना सैलरी मिलती है।
लेकिन इसमें अच्छी बात यह है कि आगे चलकर एक VDO की तरक्की ADO, BDO और उससे भी ऊंचे पदों तक हो सकती है।
VDO kaise bane पूरी जानकारी
- VDO ka full form होता है Village Development Officer.
- इसके लिए न्यूनतम योग्यता बारहवीं है।
- आप किसी भी स्ट्रीम से बारहवीं पास करके VDO का एग्जाम दे सकते हैं।
- कुछ राज्यों में VDO बनने के लिए कम्प्यूटर डिप्लोमा भी जरूरी है।
- VDO बनने के लिए writtern exam, interview और physical fitness test देना होता है।
- इन सब एग्जाम को पास करने के बाद ट्रेनिंग लेकर आप VDO बन जाते हैं।
- VDO गांवों में हो रहे विकास कार्यों की देख-रेख करता है।
- VDO बनने के लिए एज लिमिट 18-40 वर्ष होती है।
- VDO की salary 5,200-20,200 पे ग्रेड 2,000 होता है।
Conclusion – VDO kaise bane
दोस्तों उम्मीद करते हैं कि VDO kaise bane इससे जुड़े हर सवाल का जवाब आपको पूरी तरह से मिल गया होगा।
अगर आप बारहवीं के बाद ही अच्छी तरह सैटल होना चाहते हैं और गांव में वक्त बिता सकते हैं तो VDO आपके लिए एक अच्छा विकल्प है।
इसलिए हमने आपको VDO ka full form, VDO kya hota hai, VDO ka kya kaam hota hai, योग्यता, selection process, salary जैसी बातें डीटेल में बताईं।
हमने आपको VDO और सरपंच का अंतर भी समझाया ताकि आपको कोई कन्फ्यूजन न रहे।
अगर आपका कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में बताइए। आपकी सहायता करके हमें खुशी होगी।
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Article by – Nidhi Neer
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1 thought on “Vdo Kaise bane ? | ग्राम विकास अधिकारी बनने का पूरा प्रोसेस”