TIFR Full Form | TIFR Exam kya hai पूरी जानकारी – आज कि इस आर्टिकल में हम TIFR एग्जाम की जानकारी देंगे , इसीलिए आप इस आर्टिकल को पूरा पढिये |
आइए जानते हैं, TIFR का Full Form हिंदी में…
TIFR Full Form in Hindi
TIFR का हिंदी में फुल फॉर्म है टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च।
दूसरे शब्दों में, Tata Institute of Fundamental Research का ही संक्षिप्त रूप TIFR है।
TIFR Kya Hai in Hindi
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च भारत में स्थित एक शोध (अनुसंधान) संस्थान है, जो भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के
अंतर्गत नाभिकीय विज्ञान और गणित का राष्ट्रीय केंद्र भी है।
TIFR का मुख्यालय मुंबई के कोलाबा क्षेत्र में है। टी आई एफ आर के कुछ केन्द्र बेंगलुरु, पुणे व हैदराबाद में भी हैं।
यहां पर रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान, गणित, जन-स्वास्थ्य, भौतिकी तथा विज्ञान शिक्षण में शोध कार्य किया जाता है।
आपको बता दें, TIFR में किए जाने वाले शोध कार्य को मुख्यतः तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है –
- प्राकृतिक विज्ञानों का विद्यालय
- गणित का विद्यालय
- तकनिकी एवं कम्प्यूटर विज्ञान का विद्यालय
टी आई एफ आर (TIFR) से जुड़ी कुछ शोध संस्थाएं
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से जुड़ी कुछ शोध संस्थाएं मुम्बई के मुख्य परिसर के बाहर भी स्थित हैं, जिनके नाम हैं:
- टी आई एफ आर केन्द्र (गणित केन्द्र) – बंगलुरू
- राष्ट्रीय जीव वैज्ञानिक केन्द्र – बंगलुरू
- होमी भाभा विज्ञान शिक्षण केन्द्र – देवनार, मुम्बई
- राष्ट्रीय रेडियो खगोल (भौतिकी केन्द्र) – पुणे
TIFR Eligibility in Hindi (टी आई एफ आर एग्जाम कौन दे सकता है)
टी आई एफ आर संस्थान स्नातकोत्तर, पी.एच.डी. और integrated पी.एच.डी. कार्यक्रमों के लिए ही डिग्रियां प्रदान करता है।
ऐसे में अगर आप post graduation complete कर चुके हैं और पी.एच.डी. और integrated पी.एच.डी. जैसे किसी कार्यक्रम में डिग्री पाना चाहते हैं तो आप टी आई एफ आर में अप्लाई कर सकते हैं।
TIFR exam देने के बाद career option
TIFR से अपनी पी.एच.डी. की पढ़ाई पूरी करने के बाद आपको academic and non academic दोनों ही तरह के career option मिलेंगे।
Postdoctoral positions के अन्तर्गत जो भी नौकरियां आती है, उसमें आप अप्लाई कर पाएंगे।
इसके अलावा, आप चाहें तो TIFR में faculty member की तरह भी join करके अपना भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
TIFR का इतिहास
होमी जहाँगीर भाभा ने भारतीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के विकास में अपना एक विशेष योगदान दिया है।
वे भारत में एक वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान की स्थापना करना चाहते थे।
अपनी इस ईच्छा को पूरा करने के लिए उन्होंने 1944 में सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट को भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान की स्थापना के लिए आर्थिक रूप से सहायता करने के लिए एक पत्र लिखा।
Jehangir Ratanji Dadabhoy tata उस समय टाटा समूह के चेयरमैन थे। उनकी सहायता से TIFR (Tata Institute of
Fundamental Research) की स्थापना की गयी।
TIFR (Tata Institute of Fundamental Research) की स्थापना 1 जून 1945 में जहांगीर भाभा ने J.R.D. Tata (जे.आर.डी.
टाटा) के सहयोग से किया था। इसलिए TIFR का संस्थापक होमी जहांगीर भाभा को माना जाता है।
2002 के जून महीने में TIFR को मानित विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ है। मानित विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त होने के कारण यह संस्थान स्नातकोत्तर और पी.एच.डी. कार्यक्रमों के लिए डिग्रियां प्रदान करता है।
TIFR admission process
Tata Institute of Fundamental Research में दाखिला पाने के लिए विद्यार्थियों को दो परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है –
- लिखित परीक्षा
- मौखिक परीक्षा (इंटरव्यू)।
आपको बता दें, दोनों परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को ही इस संस्थान में प्रवेश दिया जाता हैं।
इस संस्थान में प्रवेश पाने वाले प्रत्येक अभ्यार्थी को छात्रवृति प्रदान की जाती है। यह छात्रवृति काफी अच्छी होती है जिस वजह से यह
अभ्यर्थियों के लिए बहुत मददगार साबित होती है।
आपको बता दें, इस संस्थान में एक शासकीय विद्यालय के शिक्षक के वेतन के बराबर, विद्यार्थी को छात्रवृति दी जाती है।
यह संस्थान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च करने की सुविधा प्रदान करता है जिस वजह से इस संस्थान के रिसर्च प्रोग्राम को आईआईटी से बेहतर कहा जाता है।
शोध से पता चला है कि अगर विद्यार्थियों को आईआईटी में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद भी टी आई एफ आर में जाने का मौका मिले तो वे आईआईटी को त्याग कर इसी संस्थान में प्रवेश कर जाते हैं।
इसमें विद्यार्थी को स्नातक(Graduation level) से ही रिसर्च की ओर अग्रसर होने के लिए उत्साहित किया जाता है।
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Tata Institute of Fundamental Research- TIFR चर्चा में क्यों था?
हाल ही में, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (Tata Institute of Fundamental Research- TIFR) काफी चर्चा में रहा है
जिसकी मुख्य वजह यहां के शोधकर्त्ताओं द्वारा किया अध्ययन है।
इस अध्ययन में इन्होंने ग्लूकोज़़ की भूमिका क्या होती है, यकृत के कार्यों को विनियमित करने में… के बारे में बताया है।
अपनी रिपोर्ट में शोधकर्त्ताओं ने SIRT1 नामक एक प्रोटीन के बारे में जानकारी दी है।
SIRT1 के ज्यादा सक्रिय (hyper activation) होने की वजह से मधुमेह जैसी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं अगर SIRT1 का कमी मोटापा और बढ़ती उम्र का कारण बन सकता है।
Conclusion – TIFR Exam kya hai
आज के आर्टिकल में आपको TIFR Exam kya hai व इसके संस्थापक कौन थे? के अलावा TIFR हाल फिलहाल में चर्चाओं में क्यों रहा आदि जानकारियां दी गई है।
Tata Institute of Fundamental Research में admission या TIFR से सम्बन्धित अन्य जानकारी आप इसके ऑफिशियल
वेबसाइट पर देख सकते हैं।
हम आशा करते हैं कि आज के आर्टिकल में बताई गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
इस आर्टिकल से संबंधित आपके मन में किसी भी प्रकार के कोई प्रश्न हों जिनका समाधान आप नहीं ढूंढ पा रहे हैं तो आप हमे कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।
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