दोस्तों आज का आर्टिकल है solar system in Hindi.
चांद, तारों की बातें किसे अच्छी नहीं लगती है?
बच्चे हों या बड़े सबके मन में कभी न कभी तो आसमान में जाकर वहां की दुनिया देखने का ख्याल जरूर आता है।
साइंस ने इसे संभव कर भी दिया है और इतनी जानकारी उप्लब्ध करा दी है कि आप घर बैठे हुए ही इसे समझ सकते हैं।
Solar system in Hindi के माध्यम से हम ऐसी ही कुछ रोचक जानकारी आप तक ला रहे हैं।
आप सोचेंगे कि ये सब तो आप स्कूल में पढ़ चुके हैं। लेकिन दोस्तों इस जानकारी की जरूरत कभी भी पड़ जाती है।
कॉम्पिटीटिव एग्जाम में solar system से जुड़े प्रश्न आते हैं और सोचिए कि घर के किसी बच्चे ने ही आपसे कुछ पूछ लिया और आपको जवाब याद न आया तो कैसा लगेगा? इसीलिए हम ये आर्टिकल solar system in Hindi लेकर आए हैं।
दोस्तों ब्रम्हांड इतना व्यापक है कि इसके ओर-छोर का अंदाजा लगाने में न जाने और कितना समय लगेगा, लेकिन हम अपने सोलर सिस्टम के बारे में बहुत कुछ जानते हैं।
हमारे सोलर सिस्टम की तरह और भी बहुत से सोलर सिस्टम होने की बात कही जाती है। आज हम अपने solar system को जानने से शुरुआत करते हैं।
Solar System क्या है?
Solar system को हिन्दी में हम सौर मंडल कहते हैं।
ये solar system सूर्य, उसकी परिक्रमा करने वाले ग्रहों, उनके उपग्रहों, बौने ग्रहों, उल्का (meteor), क्षुद्र ग्रहों (asteroid), धूमकेतु (comet), धूल कणों से मिलकर बना है।
ग्रहों की संख्या आठ है। ये ग्रह सूर्य के आकर्षण बल में बंधकर उसके चारों तरफ चक्कर लगाते हैं। जहां तक ये आकर्षण बल काम करता है, हमारे सौर मंडल का विस्तार वहां तक माना जाता है।
ये solar system आकाशगंगा (galaxy) में है। आकाशगंगा तारों के समूह को कहते हैं। हमारी आकाशगंगा का नाम Milky Way है। और इस ब्रम्हांड में ऐसी कई आकाशगंगाएं हैं।
सूर्य एक तारा है जो हमारे solar system के केंद्र में है। ये बात सबसे पहले कॉपरनिकस ने बताई थी। हालांकि उसके पहले तक पृथ्वी को ही केंद्र में माना जाता था।
Solar system में कितने ग्रह होते हैं ?
Solar system में आठ ग्रह होते हैं। सूर्य से दूरी के अनुसार इनका क्रम इस तरह है
बुध (Mercury), शुक्र (Venus), पृथ्वी (Earth), मंगल (Mars), वृहस्पति (Jupiter), शनि (Saturn), अरुण (Uranus), वरुण (Neptune).
ये ग्रह अपने कक्ष में घूमते हुए सूर्य की परिक्रमा भी करते हैं। ये बिल्कुल वैसे ही है जैसे एक लट्टू अपनी तीली पर भी घूमता है और इसी तरह एक गोल चक्कर भी लगा लेता है।
इसे भी पढ़े – ग्रह और उनसे जुड़े रोचक जानकारी
हो सकता है कि आप में से कुछ लोगों ने अपनी पुस्तकों में 9 ग्रहों के बारे में पढ़ा होगा।
पहले 9th planet यानि नवें ग्रह के रूप में प्लूटो शामिल था। लेकिन साल 2017 में वैज्ञानिकों ने बौने ग्रहों से इसकी समानता देखते हुए इसे उन्हीं के समूह में डाल दिया।
ये तो थी ग्रहों की बात।
Solar system in Hindi में हम आगे जानेंगे कि solar system की age क्या है?Solar system कैसे बना और क्या सूर्य भी परिक्रमा करता है?
Solar system की age क्या है? Solar system कैसे बना?
दोस्तों हमारे Solar System की आयु 4.6 अरब साल है।
वैज्ञानिकों ने समय-समय पर सौर मंडल के निर्माण पर बहुत सी थ्योरीज दी हैं। इनमें नेब्युलर हाइपोथीसिस सबसे ज्यादा प्रचलित है।
इसके अनुसार ब्रम्हांड में धूल और गैसों के बादल थे। इनमें हाइड्रोजन और हीलियम जैसी गैसें भी थीं। इनको ही नेब्युला कहा गया है।
एक दिन इनमें विस्फोट हुआ। इससे ये सब बड़े-बड़े टुकड़ों के रूप में दूर-दूर छितर गए। इनमें तेजी से गति हो रही थी। घूमते हुए ये गोल या डिस्क की तरह आकार लेने लगे।
इनके केंद्र वाला हिस्सा प्रोटोस्टार में बदल गया। प्रोटोस्टार किसी तारे के जन्म की शुरुआती अवस्था को कहते हैं। यह सूरज के जन्म की शुरुआती अवस्था थी।
आगे चलकर इसके चारों ओर घूमते दूसरे पिंड ग्रह, उपग्रह, उल्का पिंडों में बदले। इस तरह सौरमंडल का निर्माण हुआ।
आज की तारीख में आसमान और पूरा सौरमंडल हमें शांत नजर आता है लेकिन अतीत में ये बहुत बड़ी हलचलों से गुजरा है।
क्या सूर्य भी घूमता है?
जी हां दोस्तों, सूर्य भी परिक्रमा करता है। ये पूर्व से पश्चिम की ओर चक्कर लगाता है। अपनी धुरी पर एक चक्कर लगाने में इसे लगभग 27 दिन लगते हैं।
हमारा solar system, आकाश गंगा के केंद्र का चक्कर भी लगाता है। एक चक्कर लगाने में 22 से 25 करोड़ साल लगते हैं। इस अवधि को कॉस्मिक इयर कहा जाता है।
क्या हमारे solar system की तरह और भी solar system हैं?
दोस्तों सूर्य एक तारा है जिसके solar system के बारे में हम काफी कुछ जानते हैं।
लेकिन आकाशगंगा में 100 अरब से भी ज्यादा तारे और लगभग 50 अरब ग्रह हैं।
ऐसा माना जाता है कि हर तारे का चक्कर लगाने वाला एक न एक ग्रह तो जरूर है। इसलिए हमारा solar system एक अकेला solar system नहीं है। अभी भी इन विषयों पर बहुत स्टडी करनी बाकी है।
लेकिन इन सबसे इतना समझ में आता है कि अगर ब्रम्हांड एक रेगिस्तान है तो हमारा ग्रह रेत के एक कण से ज्यादा कुछ नहीं है।
Solar system कैसे खत्म होगा ?
दोस्तों जन्म और मृत्यु के चक्र में सिर्फ सजीव ही नहीं आते। ये नियम ग्रहों, तारों और हमारे सौरमंडल पर भी लागू होता है।
आपने ये तो समझ लिया कि सौरमंडल कैसे बना। अब हम बताते हैं कि इसके अंत को लेकर वैज्ञानिक क्या कहते हैं।
आज जो सूर्य धरती पर जीवन का आधार है वही एक दिन इसके विनाश की वजह बनेगा।
दोस्तों सूर्य की ऊर्जा का स्रोत हाइड्रोजन का हीलियम के रूप में नाभिकीय संलयन यानि nuclear fusion है। इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन के अणु, हीलियम में बदलते हैं और ऊष्मा निकलती है।
स्टडीज कहती हैं कि आधी हाइड्रोजन का इस्तेमाल हो चुका है। एक न एक दिन बची हुई हाइड्रोजन भी खत्म हो जाएगी। अब हीलियम का fusion शुरू होगा। सूर्य फैलने लगेगा। इसका रंग बदलता जाएगा। इस स्टेज में इसे red giant कहा जाएगा। अब ये ग्रहों को निगलने लगेगा।
बुध और शुक्र से होते हुए अगला नंबर पृथ्वी का होगा। लेकिन सूर्य के इतने नजदीक आ जाने की वजह से पृथ्वी पर जीवन तो पहले ही समाप्त हो चुका होगा।
लेकिन चिंता मत कीजिए। इसकी शुरुआत होने में अभी 5 अरब साल बाकी हैं और पृथ्वी तक आते हुए इसे साढ़े सात अरब साल लगेंगे। इस तरह बाकी के ग्रह भी इसकी चपेट में आते जाएंगे। इसके लिए पचास अरब वर्ष तक का समय लगेगा।
सूर्य में बची हीलियम कार्बन में बदलने लगेगी। इसके बाद सूर्य सिकुड़ता जाएगा। इस स्टेज पर इसे white dwarf कहा जाएगा।
एक समय पर इसकी बची-खुची ऊर्जा भी समाप्त हो जाएगी और ये बिल्कुल ठंडा पड़ जाएगा। लेकिन इससे ठीक पहले इसमें एक विस्फोट हो सकता है जो एक नए तारे के बनने के लिए वैसी ही परिस्थितियां पैदा करेगा जिनसे सूर्य के बनने की शुरुआत हुई थी।
देखा आपने दोस्तों ये सब कितना interesting है।
इसके अलावा धरती के खत्म होने पर भी अलग-अलग थ्योरीज दी जाती हैं। इनमें से किसी celestial body (ग्रह, धूमकेतु) से टकरा जाना, ग्लोबल वार्मिंग, रेडिएशन, ज्वालामुखी का विस्फोट जैसी बातें कही गई हैं।
कई बार धूमकेतु या उल्का के धरती के समीप से गुजरने और टकराने की संभावना पर खबरें सुनने में आती हैं।
Conclusion – Solar System
इस आर्टिकल में आपने जाना solar system in Hindi. दोस्तों कहा जाता है कि मनुष्य के दिमाग से ज्यादा रहस्यमयी चीज कुछ नहीं है।
लेकिन solar system भी न जाने कितने रहस्य अपने अंदर समेटे हुए है और हमें न जाने कितना समय लगेगा इनको जानने और समझने में।
असल में ये सब इतना व्यापक है कि एक आर्टिकल में नहीं समेटा जा सकता।
हमने सरल भाषा में solar system in Hindi आप तक लाने की कोशिश की है। ताकि हर पढ़ने वाला चाहे वो किसी भी उम्र से हो या science background से न हो तो भी इसे समझ पाए।
अगर आप solar system से जुड़े किसी टॉपिक पर जानकारी चाहते हैं तो हमें कमेंट सेक्शन में बताइये। हम आपके लिए अगले आर्टिकल में सारी जानकारी ले आएंगे।
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Article by – NIDHI NEER
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