CSS kya hai kaise sikhe, css language in hindi – आज की आर्टिकल में आपको CSS Language की पूरी जानकारी मिलेगी |
जब हमें किसी भी जानकारी की जरूरत होती है तब हम तुरंत अपना मोबाइल या कंप्यूटर उठाते हैं और गूगल या किसी अन्य ब्राउजर में जाकर सर्च करके किसी न किसी वेबसाइट के माध्यम से वह जानकारी हासिल करते हैं।
क्या आपने कभी सोचा है कि यह वेबसाइट कैसे बनती हैं और कैसे यह दिखने में इतनी आकर्षक और फीचर्स वाली होती हैं ?
यह तो आप जानते ही होंगे कि वेबसाइट HTML लैंग्वेज पर बनाई जाती है।
लेकिन HTML पर तो केवल वेबसाइट का प्रारूप तैयार किया जाता है, वेबसाइट का आकार बनाया जाता है फिर यह वेबसाइट देखने में आकर्षक और कलरफुल कैसे दिखती है?
इसका जवाब है CSS.
अब बात आती है कि CSS क्या है और CSS का इस्तेमाल कहां किया जाता है ?
अगर हम सीधे सीधे कुछ शब्दों में समझें तो CSS ऐसा माध्यम होता है जिसका प्रयोग हम HTML के साथ करके वेबसाइट को आकर्षक बना सकते हैं उसमें कलर बैकग्राउंड, टेक्स्ट आदि
अपने सुविधानुसार चेंज कर सकते हैं यदि आप भी जानना चाहते हैं कि CSS क्या है और कैसे सीखें, CSS का इस्तेमाल कहां किया जाता है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
CSS क्या है ?
CSS का फुल फॉर्म Cascading style sheet होता है,
जब हम एक वेबसाइट बनाते हैं तो उसमें एचटीएमएल का उपयोग करते हैं, एचटीएमएल से वेबसाइट को आकार मिलता है लेकिन अगर उसमें हम सीएसएस का इस्तेमाल करते हैं तो उस वेबसाइट या वेब पेज को एक नया और आकर्षक रूप मिलेगा मतलब एक प्रोफेशनल लुक मिलेगा आपकी वेबसाइट या वेब पेज को।
CSS को अगर हम उसके शाब्दिक अर्थ से समझे तो कैस्केडिंग का मतलब होता है कि किसी भी काम को एक फ्लो में करना और स्टाइल का मतलब तो आपको पता ही होगा कि मतलब उसको बेटर इंप्रूव करना या फिर उसके स्टाइलिंग करना और सीट का मतलब होता है कि एक डॉक्यूमेंट या फिर लेख तो इस प्रकार Cascading style sheet पूरा मतलब हुआ कि किसी भी वेबसाइट के वेबपेज को एक फ्लो में स्टाइलिंग करना या बेटर इंप्रूव करना।
CSS की मदद से हम अपने वेबसाइट के वेबपेज को मनचाही स्टाइल दे सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि बिना CSS के आप अपनी वेबसाइट को आकर्षक नहीं बना सकते आप CSS के बिना भी मैनुअली अपनी वेबसाइट को आकर्षक बना सकते हैं |
अगर हम CSS क्या है और कैसे सीखें को कोई एक उदाहरण से समझे तो जैसे कि हम हमारी वेबसाइट के वेब पेज में हम बहुत से हेडिंग्स बनाते हैं और उन हेडिंग या टैग में हम मनचाहे कलर रख सकते हैं जैसे कि हमारी किसी हेडिंग का कलर काला है और हम चाहते हैं कि हमारी वेबसाइट के वेब पेज में सभी हेडिंग का कलर कोई और हो जाए
तो हम इसके लिए क्या करेंगे कि बार-बार जाकर प्रत्येक हेडिंग का कलर चेंज करेंगे जिससे हमारा टाइम बर्बाद होगा और उस वेबसाइट या वेब पेज पर हमें ज्यादा समय तक काम करना होगा।
लेकिन यदि आप CSS का यूज करते हैं तो अपने वेबसाइट के वेब पेज में एक जगह पर कोड में चेंज करने से वह आपकी पूरी वेबसाइट पर अप्लाई होगा और आपके वेब पेज की हेडिंग का कलर आपके अनुसार बदल जाएगा।
CSS के प्रकार
CSS तीन प्रकार के होते हैं जिनका प्रयोग हम अपनी वेबसाइट को सुंदर बनाने और उसमें कलर चेंज करने बैकग्राउंडचेंज करने ,फोंट स्टाइल चेंज करने, फोंट कलर चेंज करने आदि में करते हैं-
- Inline style
- Internal embedded styles
- External styles
Inline style sheet
इनलाइन स्टाइल शीट का मतलब यह है कि जैसे आपने अपने वेबपेज H1 टैग लगाया हुआ है उसके अंदर आप स्टाइल एट्रीब्यूट का इस्तेमाल करेंगे, स्टाइल एट्रीब्यूट के अंदर आप डिक्लेरेशन देंगे
डिक्लेरेशन में दो चीजें होती हैं एक होती है प्रॉपर्टी जिसका मतलब क्या चेंज कर रहे हैं और दूसरा है वैल्यू जैसे आपको कलर ब्लैक करना है या येलो करना है या अन्य कलर में करना है इसे हम वैल्यू में लिखते हैं। यहां पर हम लिखने के
बजाय उसका हैज कोड भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
<H1 style=”Colour:red,”>…</h1>
Internal CSS Style-
इंटरनल सीएसएस का मतलब होता है कि हम हेड के अंदर एक स्टाइल्टैग लगाएंगे और जो हम स्टाइल एट्रीब्यूट इनलाइन स्टाइल सेट में यूज कर रहे थे वही लिखेंगे और उसे क्लोज करेंगे
अब जहां-जहां H1 टैग होगा पूरे पेज में वहां वहां कलर चेंज हो जाएगा जो भी हमने किया होगा इस प्रकार इंटरनल सीएसएस काम करता है।
External CSS –
यह सबसे ज्यादा यूज होने वाला CSS है,
दोस्तों आपको पता ही होगा कि एचटीएमएल कोडिंग करने के लिए हमें अपने कंप्यूटर का डेक्सटॉप में नोटपैड या टेक्स्ट एडिटर की जरूरत होती है वहां पर हम कोडिंग करके उसको यदि हमें एक्सटर्नल सीएसएस करना है तब उसकी एक फाइल बनाकर अपने वेबसाइट के उस पेज मेंसेव कर लेते हैं।
ऐसा करने से आपने देखा होगा कि जब भी आप अपनी या किसी अन्य वेबसाइट के आर्टिकल ओपन करते हैं तो उसमें केवल अंदर का कंटेंट चेंज होता है और उसका वेबसाइट का उस लेआउट सभी जगह एक जैसा रहता है तो यह लेआउट इसी एक्सटर्नल CSS के जरिए होता है जिसमें की एक एक्सटर्नल फाइल सेव की गई होती है।
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CSS के फायदे
वेबसाइट के स्पीड बढ़ जाती है
यदि आप अपनी वेबसाइट के वेब पेज में CSS का इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपके वेबसाइट की स्पीड बढ़ जाती है,
जी हां जब जब हम किसी वेबसाइट पर जाते हैं तो हमारा ब्राउज़र उस वेबसाइट के CSS फाइल को डाउनलोड कर लेता है और हम बहुत जल्द सेकंड के समय में उस वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं और उसका लेआउट भी प्रॉपर ओपन होता है ।
लेकिन जब यदि यही कोडिंग उस वेबसाइट के एचटीएमएल पर होती है तो क्या होता है कि ब्राउज़र उस वेबसाइट के एचटीएमएल टेबल को जाकर रीड करता है और जिस में कुछ समय लगता है और आपकी वेबसाइट को खुलने में कुछ समय लग जाता है |
जब आप दोबारा उस वेबसाइट पर जाते हैं तो फिर से ब्राउज़र को वही काम करना होता है लेकिन जब आप CSS का यूज करते हैं तो ब्राउज़र एक बार में सीएसएस फाइल सेव करने के बाद दोबारा से डायरेक्टली अपने स्टोर में से सीएसएस फाइल को ओपन कर लेता है
इस प्रकार आपकी वेबसाइट की स्पीड बढ़ जाती है अगर आप सीएसएस का यूज करते हैं तो।
वेबसाइट डिवाइस फ्रेंडली हो जाती है –
यदि आप अपने वेबसाइट में CSS का इस्तेमाल करते हैं तो आप की वेबसाइट डिवाइस फ्रेंडली हो जाती है डिवाइस फ्रेंडली का मतलब है कि जब भी आप अपने वेबसाइट को किसी भी डिवाइस में ओपन करते हैं जैसे कि डेक्सटॉप, लैपटॉप कंप्यूटर , में तो वह उसी के अनुसार अपना डिजाइन ले लेती है और एक आकर्षक इंटरफ़ेस यूजर को दिखाती है।
कभी कभी आपने देखा होगा कि जब हम किसी वेबसाइट पर कुछ पढ़ने के लिए जाते हैं तो वहां पर आधा अधूरा लेआउट आधे अधूरे अक्षर दिखाई देते हैं या फिर प्रॉपर कस्टमाइजेशन नहीं दिखाई देता है तो यह CSS ना होने की वजह से होता है इस प्रकार अगर आप CSS का यूज़ करते हैं तब आप की वेबसाइट प्रॉपर डिवाइस फ्रेंडली दिखेगी।
वेबसाइट के कस्टमाइजेशन में आसानी –
जब हमें अपनी वेबसाइट के वेब पेजों में कुछ कस्टमाइजेशन जैसे की हेडिंग के कलर आदि टेक्स्ट आदि में परिवर्तन करना होता है तो इसके लिए हमें वेबसाइट के प्रत्येक पेज में जाकर वहां से मैनुअली कलर या फिर टेक्स्ट चेंज करना होता है
लेकिन अगर आप CSS कोडिंग का इस्तेमाल करते हैं तो सीएसएस को ले जाकर अपनी वेबसाइट में उचित जगह पर लगा देने से ऑटोमेटेकली वह आपकी वेबसाइट पर अप्लाई हो जाता है और आपकी वेबसाइट के जितने भी पेज होते हैं वह उन सब पर वर्क करने लग जाता है और उनका कलर चेंज हो जाता है इस प्रकार CSS के इस्तेमाल से वेबसाइट के कस्टमाइजेशन में भी आसानी होती है।
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CSS कैसे सीखे
दोस्तों CSS एक बहुत ही बेसिक और आसान सी प्रोग्रामिंग है,
लेकिन यदि आप CSS सीखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको HTML का नॉलेज होना आवश्यक है क्योंकि बिना एचटीएमएल के आप CSS का करेंगे भी क्या क्योंकि CSS का प्रयोग अधिकतर HTML के साथ ही किया जाता है।
CSS सीखने के लिए आपको कोई बहुत बड़ा इंस्टिट्यूट या कॉलेज ज्वाइन करने की कोई आवश्यकता नहीं है CSS आप घर बैठे आसानी से इंटरनेट और अपने मोबाइल या कंप्यूटर की मदद से सीख सकते हैं CSS सीखने के लिए मार्केट में बहुत सारे फ्री और कुछ पेड कोर्स अवेलेबल हैं जिनसे आप आसानी से फ्री में या फिर अधिक सीखना चाहते हैं तो पेड कोर्स लेकर सीख सकते हैं
आज के समय में किसी भी चीज को सीखने का सबसे अच्छा और सस्ता माध्यम यूट्यूब है यदि आप यूट्यूब से सीखना चाहते हैं तो यूट्यूब पर बहुत सारे वीडियोस उपलब्ध हैं जिनसे आप सिर्फ कुछ ही दिनों के अंदर आसानी से सीख सकेंगे।
एक बार आप कोई कोर्स कर लेने से या फिर किसी बुक से पढ़ लेने से कोडिंग में एक्सपर्ट नहीं हो जाते इसके लिए आपको डेली प्रैक्टिस की जरूरत होती है
इसलिए आप डेली CSS फाइल को एडिट करें बनाएं और उसमें चेंज करें तथा अपने खुद के एक्सपीरियंस जनरेट करें।जिसके बाद आप अपना एक ब्लॉग या वेबसाइट क्रिएट करें वहां से अपने एचटीएमएल फाइल को CSS से कनेक्ट करके उसका लेआउट चेक करें जब आप थोड़ा बहुत बनाना सीख जाते हैं तब अपने एचटीएमएल फाइल को सीएसएस के साथ अटैच करके किसी भी ब्राउज़र पर जाकर रन करके देखें कि वह देखने में कैसा है और क्या उसमें सुधार की आवश्यकता है इस तरीके से आप CSS घर बैठे आसानी से सीख सकेंगे।
CSS सीखने के लिए आप udemy.com, Lymda.com, googsforgeek.org की मदद ले सकते हैं यहां पर बहुत सारा मटेरियल उपलब्ध है।
निष्कर्ष – CSS kya hai kaise sikhe css language in hindi
दोस्तों आज के इस आर्टिकल “CSS kya hai kaise sikhe css language in hindi” में हमने जाना कि CSS क्या है और कैसे सीखे? CSS कितने प्रकार का होता है तथा CSS के फायदे कौन-कौन से हैं आशा करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा यदि यह लेख आपको पसंद आता है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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