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Planets name in Hindi | ग्रहों के नाम हिन्दी में | Intersting Facts About Planets

हैलो दोस्तो! आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे Planets name in Hindi. ग्रहों के नाम हिन्दी में।

planets name in Hindi
planets name in Hindi

चांद-तारों की बातें सबको लुभाती हैं। मानव हमेशा इस खोज में लगा रहा है कि धरती के बाहर की दुनिया कैसी है?

हमारा सौरमंडल बहुत बड़ा है जिसके बारे में पूरी तरह से जानने में न जाने कितना समय लगे। लेकिन हम ग्रहों के बारे में बहुत सी बातें जान चुके हैं।

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ऐसी ही कुछ जानकारी हम इस आर्टिकल Planets name in Hindi में आपके लिए लाए हैं। जिसमें आप पढ़ेंगे सौरमंडल क्या होता है? ग्रह किसे कहते हैं? सौरमंडल में कितने ग्रह हैं, ग्रहों के नाम हिन्दी में, ज्योतिष विज्ञान में ग्रहों का महत्व, और ग्रहों का वैज्ञानिक महत्व।

सौरमंडल (solar system) क्या होता है? What is solar system in Hindi

दोस्तों सौरमंडल, सूर्य और उसकी परिक्रमा करने वाले ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, बौने ग्रह, उल्का पिंड, क्षुद्रग्रहों से मिलकर बनता है। इनको खगोलीय पिंड (celestial body) कहते हैं। यानि ऐसे पिंड जो प्राकृतिक रूप से बने हैं।

सूर्य सौरमंडल का केंद्र है। यह एक तारा है।

खगोलीय पिंडों का आकार, बनावट, वजन इत्यादि अलग होता है और ये गुरुत्वाकर्षण बल (gravitational force) से बंधे होते हैं।

ग्रह (planet) किसे कहते हैं?

ऐसे पिंड जो सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उनको ग्रह कहा जाता है।

इनके पास ऊर्जा का अपना स्त्रोत नहीं होता। इनको प्रकाश और ऊर्जा सूर्य से मिलती है।

जो पिंड ग्रहों के चक्कर लगाते हैं उनको उपग्रह (satellite) कहा जाता है।

Planet ग्रीक भाषा के शब्द planets से बना है जिसका अर्थ होता है घूमने वाला

सौरमंडल में कितने ग्रह हैं ?

हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह हैं।

सूर्य के पास के पहले चार ग्रहों को inner planets या terrestrial planets कहते हैं। जबकि इनके बाद के चार ग्रहों को outer planets या Jovian planets कहते हैं।

Jovian का मतलब होता है gas giant यानि गैस का बना हुआ बड़ा पिंड।

सौरमंडल के आखिरी चार ग्रह गैसों के पिंड ही हैं। इसलिए इनको यह नाम दिया गया है।

ग्रहों के नाम हिन्दी में (Planets name in Hindi)

बुध (Mercury) – सूर्य से दूरी के अनुसार यह सबसे पहले नंबर पर आता है। यह आकार में सबसे छोटा होता है।

आप सोचेंगे कि सूर्य के सबसे पास होने की वजह से ये सबसे गर्म है तो ऐसा नहीं है। बुध से भी गर्म ग्रह है। इसकी जानकारी आपको आगे मिलेगी।

  • बुध ग्रह का कोई उपग्रह नहीं है।

शुक्र (Venus) – यह दूसरे नंबर पर आता है। इसका तापमान बुध से भी ज्यादा होता है।

इस पर पड़ने वाली सूरज की रोशनी का ज्यादातर हिस्सा परावर्तित (reflect) हो जाता है। इसलिए शुक्र बहुत चमकदार नजर आता है।

आप इसे सूर्योदय से पहले या शाम को आसमान में चमकता हुआ देख सकते हैं।

जहां बाकी ग्रह पश्चिम से पूर्व की तरफ चक्कर लगाते हैं, शुक्र पूर्व से पश्चिम की तरफ घूमता है। एक और ग्रह भी इसी तरह घूमता है जिसके बारे में आगे बताया गया है।

यह आकार और बनावट में पृथ्वी से मिलता-जुलता है इसीलिए इसे पृथ्वी का sister planet (पृथ्वी की बहन) भी कहा जाता है।

पृथ्वी (Earth)– यह सूर्य से तीसरे नंबर पर है। इस वजह से न तो यहां बहुत गर्मी होती है न बहुत ठंड।

यहां पानी तरल अवस्था (liquid form) में पाया जाता है। इसके अलावा वायुमंडल में ऑक्सीजन जैसी जीवनदायी गैस भी है। यह विशेषताएं पृथ्वी को जीने के लिए अनुकूल बनाती हैं।

पृथ्वी को नीला ग्रह भी कहा जाता है। इसका सिर्फ एक उपग्रह है चंद्रमा

मंगल (Mars)– यह बुध के बाद सबसे छोटा ग्रह है। वैज्ञानिक इस बात की खोज कर रहे हैं कि क्या मंगल पर जीवन संभव है? क्योंकि पृथ्वी की तरह मंगल पर भी वायुमंडल है।

लेकिन अभी तक यहां पृथ्वी की तरह पानी तरल अवस्था में नहीं मिल पाया है। यहां बर्फ के नीचे दबी झीलें मिली हैं।

मंगल ग्रह पर आयरन के खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जिसकी वजह से यह लाल दिखता है। इसलिए इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है।

मंगल ग्रह पर एक दिन पृथ्वी के लगभग बराबर ही होता है। यह आखिरी स्थलीय या ठोस ग्रह है। यानि जहां जमीन है। इसके
बाद के सारे ग्रह गैस के पिंड हैं।

मंगल ग्रह के दो उपग्रह हैं। भारत उन गिने चुने देशों में से एक है जो मंगल तक पंहुचे हैं। अगर आप मंगल पर पंहुचने वाले बाकी देशों के नाम जानते हैं तो कमेंट सेक्शन में बताएं।

बृहस्पति (Jupiter)- यह हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। इसका वजन भी दूसरे ग्रहों से ज्यादा है। इसलिए बृहस्पति का गुरुत्वाकर्षण बल भी अधिक है।

जो पिंड इसके पास से गुजरते हैं वो इस बल की वजह से या तो टूट जाते हैं या उनका मार्ग ही बदल जाता है। भारतीय शास्त्रों में
बृहस्पति को देव गुरु कहा जाता है।

अगर आपने चाचा चौधरी के कॉमिक्स पढ़े हैं तो ये जरूर याद होगा कि साबू को ज्यूपिटर से आया हुआ बताया गया था।

शनि (Saturn)- यह दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। इसका तापमान बहुत ठंडा है।

शनि के चारों ओर छल्ले (ring) जैसा आकार बना हुआ है। यह बर्फ, गैस और धूलकणों के बने छल्ले हैं। इनकी वजह से यह बहुत आकर्षक लगता है। इसलिए शनि को Ringed planet भी कहा जाता है।

शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है। पुराणों में शनि को सूर्य का पुत्र और न्याय का देवता कहा गया है।

अरुण (Uranus)– वजन के आधार पर यह चौथा सबसे भारी ग्रह है। इसका नाम ग्रीक देवता के नाम पर रखा गया है।

ग्रीक पुराणों में यूरेनस को शनि का पिता माना जाता है। इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहते हैं। यह भी शुक्र की तरह पूर्व से पश्चिम की तरफ परिक्रमा करता है।

यूरेनियम तत्व का नाम यूरेनस के आधार पर ही रखा गया है। इसके 27 उपग्रह ढूंढे जा चुके हैं।

वरुण (Neptune)- यहां का वायुमंडल सबसे घना है। यह तीसरा सबसे भारी ग्रह है। इसे सूर्य की परिक्रमा करने में 164 साल लगते हैं।

वरुण इकलौता ऐसा ग्रह है जिसे देखे बिना इसके होने का अंदाजा लगाया गया था। जब अरुण ग्रह के घूमने की गति का अध्ययन किया जा रहा था तब यह पता चला कि इसके आसपास कोई दूसरा ग्रह है जिसके गुरुत्वाकर्षण का असर अरुण की गति पर होता है। इसके बाद वरुण को ढूंढा गया।

Planets name in Hindi. ग्रहों के नाम हिन्दी में

  1. बुध (Mercury)
  2. शुक्र (Venus)
  3. पृथ्वी (Earth)-
  4. मंगल (Mars)
  5. बृहस्पति (Jupiter)
  6. शनि (Saturn)
  7. अरुण (Uranus)
  8. वरुण (Neptune)

 

नोट: पहले यम (Pluto) नाम का नौवां ग्रह होता था। आपमें से बहुतों ने अपनी किताबों में नौ ग्रह ही पढ़े होंगे। लेकिन 2006 में प्लूटो को ग्रहों की लिस्ट से बाहर करके बौने ग्रह (dwarf planet) की लिस्ट में डाल दिया गया।

इसके अलावा सीरीस, एरीस, मेकमेक और हउमेया नाम के चार और बौने ग्रह हैं।

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ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का महत्व

दोस्तों अगर यह कहा जाए कि ज्योतिष शास्त्र ग्रहों के बिना अधूरा है तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। विज्ञान भले ही अब ग्रहों की संख्या आठ मानता हो पर ज्योतिष में नव ग्रहों का सिद्धांत है।

यहां ग्रहों के नाम इस प्रकार हैं सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, वृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु

हर तरह की ज्योतिष गणना इन ग्रहों की चाल पर आधारित होती है। ऐसा माना जाता है कि इन ग्रहों का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है।

हमारा स्वभाव, स्वास्थ्य, वैवाहिक और पारिवारिक जीवन, मानसिक शांति, कारोबार यानि जीवन का हर पहलू इन ग्रह दशाओं से
निर्धारित होता है। इसलिए ग्रहों को प्रसन्न रखने और शांत करने के बहुत से उपाय बताए जाते हैं।

इनमें दान-दक्षिणा, पूजा, हवन, तरह-तरह के रत्न और रंगों के वस्त्र पहनना जैसे तरीके शामिल हैं। आपने भी मांगलिक दोष, अढ़ैया, साढ़े साती, ग्रह दोष जैसे नाम सुने होंगे।

ये ग्रह सिर्फ तकलीफ ही नहीं देते। राजयोग, अखंड धनयोग, हंसयोग जैसे योग बहुत फायदा भी करते हैं। ये सब दोष या योग ग्रहों की चाल और स्थिति पर आधारित हैं।

ग्रहों का वैज्ञानिक महत्व

वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो ग्रहों के अध्ययन से सौरमंडल और ब्रम्हांड के बहुत से रहस्य खुलते हैं।

आज जब पृथ्वी पर जनसंख्या बढ़ती जा रही है और संसाधन घटते जा रहे हैं तो वैज्ञानिक दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावनाएं तलाश रहे हैं।

आज हम अपने सोलर सिस्टम को जितना जान पाए हैं उसके पीछे भी बहुत सी वैज्ञानिक खोज और स्टडी शामिल है।

ग्रहों की परिक्रमा के आधार पर भविष्य में होने वाली खगोलीय घटनाओं के बारे में जानकारी मिलती है।

आपमें से बहुतों ने सुना होगा कि इस तारीख को एक धूमकेतु पृथ्वी से इतनी दूरी पर गुजरेगा।

सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का पता भी लगाया जाता है। यानि वैज्ञानिकों के लिए ग्रहों की स्टडी बहुत मददगार साबित होती है।

निष्कर्ष – planets name in Hindi

दोस्तों आज आपने जाना planets name in Hindi. आपने भी स्कूल में बस इनके नाम रट लिए होंगे। पर क्या कभी आपने सोचा था कि ग्रहों की दुनिया भी इतनी अनोखी और मनोरंजक होगी?

हमें कमेंट करके बताइए कि आपको ये आर्टिकल कैसा लगा? आपके सुझाव और शिकायतों का स्वागत है ताकि हम अपने काम को और बेहतर बना सकें।

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